दिल्ली-एनसीआर में दमघोंटू हवा से आठवें दिन भी हालात बदतर होने पर सुप्रीम कोर्ट ने दोटूक कहा कि हर हाल में पराली जलाना तत्काल बंद हो, लोगों को यूं मरने नहीं दे सकते। शीर्ष अदालत ने खासतौर पर पंजाब से कहा, राजनीति बंद कर जरूरी कदम उठाएं। साथ ही, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और दिल्ली सरकारों को एक-दूसरे पर दोष मढ़ने से बचने और पराली जलाने पर तत्काल अंकुश लगाने का निर्देश दिया। शीर्ष अदालत ने कहा, यदि हमने अपना बुलडोजर चलाना शुरू किया, तो फिर रुकेंगे नहीं।
जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस सुधांशु धूलिया की पीठ ने कहा, दिल्लीवासी साल-दर-साल स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे हैं क्योंकि हम इसका समाधान नहीं ढूंढ़ पा रहे हैं। इस पर तत्काल ध्यान देने व अदालती निगरानी की जरूरत है, भले ही मामले में सुधार हो या नहीं। जस्टिस कौल ने बताया, उन्होंने खुद पंजाब में सड़क के दोनों ओर पराली जलते देखी है। उन्होंने कहा, यह पूरी तरह से लोगों के स्वास्थ्य की हत्या है। हम पंजाब सरकार और दिल्ली से सटे अन्य सभी राज्यों, हरियाणा, राजस्थान व यूपी को यह सुनिश्चित करने का निर्देश देते हैं कि पराली जलाना तुरंत बंद किया जाए। पीठ पर्यावरणविद् एमसी मेहता की वायु प्रदूषण को लेकर 1985 में दायर याचिका पर विचार कर रही है। जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान पराली जलाने का मुद्दा उठा। पीठ ने दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण, फसल अवशेष जलाने, वाहन प्रदूषण व खुले में कचरा जलाने जैसे मुद्दों पर प्रकाश डाला।
पंजाब के एडवोकेट जनरल गुरमिंदर सिंह ने पीठ को बताया, बीते साल से पराली जलाने के मामलों में 40 फीसदी कमी आई है। इस पर पीठ ने कहा, आप राजनीति करना बंद करें। हर समय राजनीतिक लड़ाई नहीं हो सकती। हम नहीं जानते कि आप कैसे रोक सकते हैं, यह आपका काम है। चाहे कार्रवाई करें, जुर्माना लगाएं या प्रोत्साहन देकर बंद कराएं। सिंह ने जब कहा, जुर्माना लगाना मुश्किल है, तो पीठ ने कहा, जुर्माना कठिन है, पर दिल्ली के लोगों की सेहत बिगाड़ने में कोई दिक्कत नहीं। पीठ ने कहा, हम यह नहीं कह रहे हैं, पराली जलाना ही एकमात्र कारण है, पर महत्वपूर्ण जरूर है। मुख्य सचिव की समग्र निगरानी में स्थानीय थाना प्रभारी को जिम्मेदार बनाया जाए। अगली सुनवाई शुक्रवार को होगी।
सम-विषम फॉर्मूला महज दिखावा
पीठ ने दिल्ली सरकार को सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए कि नगर निगम का ठोस कचरा खुले में नहीं जलाया जाए। दिवाली के अगले दिन से दिल्ली में प्रस्तावित सम-विषम व्यवस्था को दिखावा बताते हुए कोर्ट ने पूछा, क्या पिछली बार यह सफल था?
एजी बोले-पराली के पीछे आर्थिक कारण धान की खेती खत्म करने का भी सुझाव
पंजाब के एजी गुरमिंदर ने माना, पराली जलाने से रोकने के लिए कदम जरूरी हैं। उन्होंने कहा, किसान आर्थिक कारणों से पराली जला रहे हैं। सुझाव है कि केंद्र आवश्यक सुविधाएं देने के लिए सब्सिडी दे। दरअसल, लागत के कारण विकल्पों का पालन नहीं होता। महंगी मशीनें किसानों को 25 फीसदी भुगतान पर दी जा सकती हैं, पर अधिकतर किसान तैयार नहीं हैं। 50 फीसदी राशि केंद्र को वहन करनी चाहिए। एजी ने सुझाव दिया, चरणबद्ध तरीके से धान की खेती को खत्म कर अन्य फसलों को बढ़ावा दिया जाए।
पीठ भी सहमत…वैकल्पिक फसलें अपनाएं
पीठ ने इस सुझाव का समर्थन करते हुए कहा, धान (जो पंजाब की मूल फसल नहीं है) के अलावा वैकल्पिक फसलों को अपनाना जरूरी है, ताकि पराली जलाने की समस्या दोबारा न हो। यह तभी हो सकता है, जब धान को एमएसपी न देकर अन्य फसलों को दिया जाए।
स्मॉग टावर बंद…डीपीसीबी के अध्यक्ष तलब
दिल्ली के दो स्मॉग टावर बंद होने पर पीठ ने दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (डीपीसीबी) के अध्यक्ष को अगली तारीख को तलब किया और टावर तुरंत चालू करने के निर्देश दिए।
पंजाब की समस्या पर गंभीरता से विचार करे केंद्र : सुप्रीम कोर्ट
दिल्ली-एनसीआर में जहरीली हवा के चलते प्रदूषण की समस्या गंभीर होती जा रही है। मंगलवार को शीर्ष अदालत में सुनवाई के दौरान पीठ ने कई महत्वपूर्ण टिप्पणियां कीं। पीठ ने केंद्र सरकार को भी सलाह दी कि पंजाब में आपके सामने ऐसे हालात हैं कि धान की फसल के कारण जल स्तर में भारी गिरावट आई है। कुओं का इस्तेमाल बंद हो गया है।
पीठ ने केंद्र सरकार से कहा, आप एक तरफ बाजरा को बढ़ावा दे रहे हैं और दूसरी तरफ धान को भूजल बर्बाद करने दे रहे हैं। पीठ ने केंद्र को सलाह दी कि इस बात पर गंभीरता से विचार करने की जरूरत है कि क्या इस तरह का धान उस समय में उगाया जाना चाहिए, जिसमें यह उगाया जाता है। 15 साल पहले यह समस्या नहीं थी क्योंकि ऐसी फसल नहीं होती थी। इस फसल ने पंजाब का जलस्तर नष्ट कर दिया है और दिल्ली के आसपास मौसम इस पर इसका असर पड़ा है।
पीठ ने सरकार को पंजाब उपमृदा जल संरक्षण अधिनियम 2009 को सख्ती से लागू करने का भी निर्देश दिया। पीठ ने कहा, केंद्र सरकार पारंपरिक फसलों को उगाने को प्रोत्साहित करने की नीति अपना रही है। हम चाहते हैं कि सभी हितधारक उपरोक्त पहलुओं के संबंध में शीघ्रता से कार्य करें। पीठ ने कैबिनेट सचिव को इस मुद्दे पर सभी हितधारकों के साथ कल ही एक बैठक बुलाने का निर्देश दिया।
मेहता ने किया केजरीवाल के घोल छिड़कने वाले सुझाव का जिक्र
सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल मेहता ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सुझाव का जिक्र किया कि कोई ऐसा घोल छिड़का जा सकता है जो पराली को उर्वरक में बदल दे। उन्होंने कहा, उन्हें यह बताने दीजिए कि यह प्रभावी है या नहीं।