इस बारे में भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आई.सी.एम.आर) ने लोगों को आश्वस्त करते हुए कहा है कि वैक्सीन पूरी तरह से सुरक्षित हैं और इसके कारण किसी तरह की समस्या नहीं हो रही है। आईसीएमआर ने एक अध्ययन के आधार पर कहा, “कोविड-19 टीकाकरण पूरी तरह से सुरक्षित है, वयस्कों में बढ़ी हुई मृत्युदर के लिए वैक्सीनेशन को जिम्मेदार नहीं माना जा सकता है।
कोविड-19 के कारण अस्पताल में भर्ती होने, अचानक मृत्यु के फैमिली हिस्ट्री और जीवनशैली की गड़बड़ी के कारण उत्पन्न हुई स्वास्थ्य समस्याएं अस्पष्टीकृत और अचानक मृत्यु के जोखिमों को बढ़ाती हुई पाई गई हैं। वैक्सीनेशन, कोरोना संक्रमण के खतरे और इसके कारण होने वाली गंभीरता को कम करने में सहायक है और यह पूरी तरह से सुरक्षित भी है।
कोविड वैक्सीन कितनी सुरक्षित हैं, इसको समझने के लिए शोधकर्ताओं ने एक अध्ययन किया। “भारत में 18-45 वर्ष की आयु के वयस्कों में अचानक होने वाली मौत से जुड़े कारक” शीर्षक वाले इस अध्ययन में पाया गया है कि वैक्सीनेशन किसी भी तरह से मृत्यु का खतरा नहीं बढ़ा रही है।
“COVID-19 vaccination did not increase the risk of unexplained sudden death among young adults in India. Past COVID-19 hospitalization, family history of sudden death and certain lifestyle behaviours increased the likelihood of unexplained sudden death,” says ICMR Study pic.twitter.com/pmeh0et1On
— ANI (@ANI) November 21, 2023
आईसीएमआर के इसी अध्ययन का हवाला देते हुए, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने रविवार को गुजरात में कहा कि जिन लोगों में गंभीर रूप से कोविड की समस्या रही है, उन्हें दिल के दौरे और कार्डियक अरेस्ट जैसी समस्याओं से बचाव के लिए प्रयास करते रहना चाहिए। ऐसे लोगों को एक या दो साल तक बहुत अधिक मेहनत वाली गतिविधियों से बचाव करना जरूरी है।
भारत में स्वस्थ युवा वयस्कों के बीच अचानक बढ़ी मौत के कारणों को समझने के लिए किए गए इस अध्ययन में 18-45 वर्ष की आयु के उन स्वस्थ लोगों के डेटा का अध्ययन किया जिनको कोविड से पहले कोई अंतर्निहित स्वास्थ्य समस्या नहीं थी, हालांकि अक्टूबर, 2021 से मार्च, 2023 के बीच अस्पष्ट कारणों से अचानक मृत्यु हो गई।
शोधकर्ताओं ने पाया कि ज्यादातर मृतकों में किसी प्रकार की मेडिकल हिस्ट्री, धूम्रपान-शराब का सेवन या हाई इंटेंसिटी वाली शारीरिक गतिविधियों की आदत रही थी।
अध्ययन के विश्लेषण में स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने बताया कि कोविड-19 टीकाकरण के कारण वयस्कों में अचानक मृत्यु का जोखिम नहीं बढ़ा है। वास्तव में, टीकाकरण ने वयस्कों में अचानक होने वाली मौतों के जोखिम को कम कर दिया है। जिन कारकों ने अचानक मृत्यु की आशंका को बढ़ाया है, उनमें कोविड-19 के गंभीर मामलों के कारण अस्पताल में भर्ती रहना और मृत्यु से कुछ समय पहले तक अत्यधिक शराब पीना और तीव्र शारीरिक गतिविधि जैसे कुछ व्यवहार शामिल थे।
शोध के निष्कर्ष में वैज्ञानिकों की टीम ने बताया कि हाल के वर्षों में वयस्कों में अचानक होने वाली मौतों के बढ़ते आंकड़ों ने इस अध्ययन की जरूरत के लिए प्रेरित किया। लोगों के मन में चिंता बढ़ गई थी कि क्या कोविड-19 वैक्सीन बढ़ी हुई मौतों का कारण है? हालांकि हमारे शोध ने इस तरह की सभी आशंकाओं को सिरे से खारिज किया है। टीके न सिर्फ सुरक्षित हैं बल्कि कोरोना के कारण होने वाली बीमारी से सुरक्षा देने में भी इससे लाभ पाया गया है।
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