सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) के आंकड़ों के अनुसार, चौदह स्टेट्स में कोरोनोवायरस के कारण अस्पताल में भर्ती रोगियों की संख्या में बढ़ोतरी देखी गई है। इससे पहले के वर्षों में भी सर्दियों की शुरुआत होते ही कोरोना के मामलों में इजाफा देखा जाता रहा है।
पिछले कुछ वर्षों के ट्रेंड देखें तो पता चलता है कि दीपावली के बाद भारत में भी कोरोना के मामलों में इजाफा देखा जाता रहा है। हालांकि इस साल अभी स्थिति नियंत्रण में नजर आ रही है। पिछले 24 घंटे में 26 नए मामलों के साथ देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या 172 हो गई है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, सभी लोगों को संक्रमण के खतरे को लेकर अलर्ट रहने की आवश्यकता है, कोविड एप्रोप्रिएट बिहेवियर का पालन करते रहना बहुत जरूरी है।
स्वास्थ्य संगठनों का कहना है कि ‘ठंडा मौसम’ कोरोना वायरस और अन्य संक्रमणों के प्रसार को बढ़ाने के लिए अनुकूल माना जाता रहा है। इसको लेकर साल 2020 में हुए एक अध्ययन से पता चलता है कि कोरोना का वायरस ठंड और शुष्क परिस्थितियों में लंबे समय तक जीवित रह सकता है। यही ट्रेंड दुनिया के कई अन्य देशों में भी देखा जाता रहा है।
यूएस स्टेट वर्मोंट में कोरोना के मामलों में 70 प्रतिशत की वृद्धि के साथ एक सप्ताह में 43 लोग अस्पताल में भर्ती हुए हैं।
कोरोना के साथ यूएस के कई स्टेट्स में फ्लू संक्रमण के मामलों में भी उछाल देखा जा रहा है। स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि अमेरिका में फ्लू का सीजन चल रहा है, कम से कम सात राज्यों में बीमारी का स्तर उच्च है और ये संक्रमण देश के अन्य हिस्सों में भी बढ़ रहा है।
सीडीसी द्वारा साझा किए गए हालिया डेटा के मुताबिक जॉर्जिया, न्यू मैक्सिको और कोलंबिया सहित कई राज्यों में जोखिमों को बढ़ते हुए देखा जा रहा है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, सामान्यतौर पर शीतकालीन फ्लू का सीजन दिसंबर-जनवरी में बढ़ता है। लेकिन पिछले साल से अब यह पहले ही शुरू हो रहा है। साल 2022 में फ्लू का संक्रमण अक्टूबर में शुरू हुआ और इस साल नवंबर में इसके मामलों ने लोगों को बीमार करना शुरू कर दिया है।
फ्लू से पीड़ित कई लोगों में लक्षण इतने हल्के होते हैं कि उनका परीक्षण नहीं किया जाता है, इसलिए रोगियों की संख्या अनुमान से अधिक भी हो सकती है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, इन दिनों कोरोना और फ्लू दोनों के मामलों में इजाफा देखा जा रहा है। दोनों ही श्वसन संक्रमण हैं ऐसे में मास्क पहनना और कोविड एप्रोप्रिएट बिहेवियर का पालन करके इन दोनों रोगों से बचाव किया जा सकता है।
फ्लू वायरस कई प्रकार के हो सकते हैं और जो वैरिएंट इस वर्ष अब तक सबसे अधिक फैल रहा है, उसके कारण आमतौर पर बुजुर्गों के अस्पताल में भर्ती होने और मृत्यु के मामलों के बढ़ने का खतरा अधिक हो सकता है। संक्रामक रोगों से बचाव के तरीकों का पालन करते रहना सभी के लिए जरूरी है।
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नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है।
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