
छठ महापर्व के दौरान ट्रेनिंग होने से नव नियुक्त शिक्षक परेशान हैं।
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कल ही नहाय खाय है। परसों खरना और फिर अगले दिन शाम वाला अर्घ्य। जब अर्घ्य देने का समय होगा, उस समय दूसरे जिले में रहने का सरकारी ऑर्डर है। जो छठ में अर्घ्य देती हैं, वह तो यहां-वहां कहीं भी कर लेंगी। लेकिन, जो व्रती हैं? क्या करें? लिखन तो दूर, मुंह खोलने की जानकारी भर मिलने पर सरकार नौकरी से बर्खास्त कर देगी। अध्यापक संघ बनाने वाली महिला शिक्षिका को चयन-मुक्त कर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के चहेते भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी और शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने अपना रूप दिखा दिया है। सो, डर सभी को है। एक तरफ छठी मइया का व्रत टूटने का और दूसरी तरफ नौकरी छूटने का। चार व्रती महिलाओं और एक पुरुष ने इस संकट से ‘अमर उजाला’ को रू-ब-रू कराया, इस शर्त के साथ कि नाम नहीं छापें। यह भी कहा कि “छठ से रोकने वाली सरकार खुद आज नहीं तो कल इसका खामियाजा भुगतेगी, लेकिन फिलहाल घर में छठ के पहले द्वंद्व है। महाभारत है।”
19 को छठ, इसी दिन रिपोर्टिंग…वह भी दूसरे जिले में
बताया जाता है कि शिक्षा विभाग ने नव नियुक्त हुए सभी शिक्षकों की ट्रेनिंग का समय छठ पूजा के समय ही रख दिया। इतना ही नहीं नहाय खाय और खरना के दिन भी ट्रेनिंग का शेड्यूल जारी कर दिया गया है। कई नव नियुक्त शिक्षिका ऐसीं हैं जो छठ महापर्व करती हैं। इनमें कई पुरुष भी शामिल हैं। ऐसे में पर्व के दौरान शिक्षकों का ट्रेनिंग शिड्यूल जारी करने वाले फैसले पर सवाल उठने लगे हैं।
छात्र नेता बोले- छठ महापर्व की छुट्टी दे बिहार सरकार
छात्र नेता दिलीप का कहना है कि नवनियुक्त शिक्षकों की ट्रेनिंग 4 नवंबर से 18 नवंबर तक शिड्यूल की गई थी। 17 से 20 नवंबर तक चार दिनों का छठ महापर्व भी इसी के बीच है। ऐसे में नवनियुक्त शिक्षकों को की ट्रेनिंग जारी रहेगी। कई पुरुष और महिला ऐसे भी हैं जिन्होंने शिक्षक बनने के बाद छठ महापर्व करने की मन्नत मांगी थी। ऐसे में पर्व के दौरान ट्रेनिंग से यह दुविधा में पड़ गए हैं। इनकी मांग है कि बिहार सरकार इस मामले को गंभीरता से ले और छठ महापर्व की छुट्टी दे। बिहार सरकार ने सितंबर से दिसंबर तक की सरकारी स्कूलों की छुट्टियों में कटौती कर दी थी। बिहार के स्कूलों में सितंबर से दिसंबर तक पहले 23 छुट्टियां थीं, जो कम करके 11 कर दी गईं।
भत्ता या वेतन नहीं मिलने से भरण पोषण की समस्या
बिहार राज विद्यालय अध्यापक संघ की ओर से शिक्षा विभाग और बिहार सरकार को पत्र लिखकर यह मांग की गई है कि छठ पूजा के बीच किसी भी प्रकार की ट्रेनिंग नहीं करवाई जाए। अध्यापक संघ का कहना है कि ट्रेनिंग की वजह से नव नियुक्त शिक्षक अपने पूर्व के आजीविका के साधन को छोड़कर आ गए हैं। दुख की बात यह है कि सरकार इस ट्रेनिंग के दौरान किसी प्रकार का कोई भत्ता या वेतन नहीं दे रही है। इस कारण परिवार के भरण पोषण की समस्या उत्पन्न हो गई है। अध्यापक संघ ने सरकार से यह मांग है कि जिस दिन से नवनियुक्त शिक्षकों ने औपबंधिक नियुक्ति पत्र लिया है। उसी दिन से उन्हें वेतन का भुगतान किया जाए।