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Canada:राजनयिकों के खिलाफ भारत की कार्रवाई पर जस्टिन ट्रूडो की टिप्पणी, कहा- अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन – Justin Trudeau Comment On India Action Against Diplomats Says Violation Of International Laws


Justin Trudeau comment on India action against diplomats says violation of international laws

Justin Trudeau
– फोटो : Social Media

विस्तार


भारत-कनाडा के बीच विवाद जारी है। इस बीच कनाडा के प्रधानमंत्री ने एक बार फिर भारत के खिलाफ टिप्पणी की है। कनाडाई पीएम का कहना है कि राजनयिकों को लेकर जारी किया गया भारत का फैसला वियना कन्वेंशन का उल्लंघन है। इससे सभी देशों को चिंतित होना चाहिए। बता दें, भारत ने 21 कनाडाई राजनयिकों और उनके आश्रितों को छोड़कर 20 अक्तूबर के बाद सभी राजनयिकों की प्रतिरक्षा हटाने के लिए आदेश जारी किया था, जिसका कनाडा विरोध कर रहा है।

बता दें, भारत और कनाडा के बीच मनमुटाव खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद से शुरू हुए हैं। हालांकि, इसे हवा तब मिली जब कनाडाई पीएम ने निज्जर की हत्या का आरोप भारत के ऊपर लगा दिए। 

भारत ने खारिज किया उल्लंघन का दावा

कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने शुक्रवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि भारत सरकार के कारण भारत और कनाडा के लाखों लोगों के सामान्य जीवन को जारी रखना कठिन हो रहा है। भारत की राजनयिकों के खिलाफ कार्रवाई अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन है। भारत सरकार ने 40 कनाडाई राजनयिकों की प्रतिरक्षा को एकतरफा रद्द करने का फैसला किया, जो वियाना कन्वेंशन का उल्लंघन है। यह अंतरराष्ट्रीय कूटनीति को उल्लंघन है। विश्व के सभी देशों को इस बारे में चिंतित होना चाहिए। हालंकि, भारत ने वियाना कन्वेंशन के उल्लंघन के दावे को पूरी तरह से खारिज कर दिया है।

सूत्रों की मानें तो राजनयिक प्रतिनिधित्व में समानता की मांग करने का भारत का निर्णय केवल ओटावा और नई दिल्ली में मिशनों से संबंधित था। बेंगलुरु, मुंबई और चंडीगढ़ में उनके वाणिज्य दूतावासों में कनाडाई राजनयिक ताकत पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है।

विदेश मंत्री ने भी कार्रवाई को बताया था गलत

प्रधानमंत्री की टिप्पणी से पहले कनाडाई विदेश मंत्री मेलानी जॉली ने भी भारत की कार्रवाई को अंतरराष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन बताय था। जॉली ने कहा था कि भारत के फैसले के कारण 41 राजनयिकों और उनके आश्रितों की अनैतिक रूप से प्रतिरक्षा हटाना गलत है। इससे हमारे राजनयिकों को खतरा होता। यह अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन है।  21 राजनयिक अभी भारत में ही हैं। लेकिन, कर्मचारियों की कमी के कारण भारत में कई सेवाओं को सीमित करना पड़ेगा। बंगलूरू, मुंबई और चंडीगढ़ में इससे सबसे अधिक परेशानी होगी। अब दोबारा यह सेवाएं कब बहाल होंगी, इस बारे में अभी कुछ नहीं कहा जा सकता है। जॉली ने आगे कहा कि कनाडा भारत के इस फैसले का कोई जवाब नहीं देगा। वे राजनयिक प्रतिरक्षा के मानदंडों को नहीं तोड़ेंगे। 

 

 

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