निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग में भूस्खलन हादसे के बाद मौके पर पहुंचे आपदा प्रबंधन सचिव डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा ने सुरंग के अंदर भूस्खलन का जायजा लिया। उन्होंने कहा कि सुरंग के अंदर सभी मजदूर सुरक्षित हैं जिन्हें पाइपलाइन के जरिए खाना, पानी और ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा रही है।
बताया कि देहरादून से बोरिंग के लिए ऑगर मशीन मंगवाई गई है जिससे बोरिंग कर ढाई फीट व्यास का पाइप डाला जाएगा जिससे सभी मजदूरों को बाहर निकाल लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस काम में एक से दो दिन का समय लग सकता है।
बीते रविवार को निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग में भूस्खलन के बाद से 40 मजदूर सुरंग के अंदर हैं। घटना के दूसरे आपदा प्रबंधन सचिव डॉ. सिन्हा ने मौके पर पहुंचकर वस्तु स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने बताया कि जहां पर भूस्खलन हुआ है वहां पर सॉफ्ट रॉक है जिसके चलते भूस्खलन हुआ है।
सभी मजदूरों के लिए पाइपलाइन के जरिए ऑक्सीजन, खाद्य सामग्री व पानी भेजा जा रहा है।
वहीं जेसीबी व अन्य मशीनों से मलबा हटाने का काम जारी है। इसके अलावा मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए देहरादून से ऑगर मशीन मंगवाई गई है, जिससे कि सीवर लाइन बनाने की तरह बोरिंग की जाएगी।
इस काम में चौबीस घंटे का समय लग सकता है जिसके बाद ढाई फीट व्यास के पाइप डाले जाएंगे।
ये भी पढ़ें…Uttarkashi Tunnel Collapse: वॉकी-टॉकी से हुई सुरंग में फंसे मजदूरों से बात, 34 घंटों से फंसे हैं 40 मजदूर
इससे सभी मजदूर बाहर आ जाएंगे। बताया कि इस काम में एक से दो दिन का समय लग सकता है। जिस स्थान पर मजदूर हैं वहां करीब पांच से छह दिन के लिए पर्याप्त ऑक्सीजन है। इसके अलावा पाइपलाइन से भी ऑक्सीजन भेजी जा रही है।