
Rashid Kalia encounter
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
पिंटू हत्याकांड (2020) के बाद से फरार इनामिया बदमाश राशिद कालिया को तो एसटीएफ ने झांसी में मुठभेड़ में मार गिराया, लेकिन 59 दुर्दांत अभी भी पुलिस की पकड़ से दूर हैं। इन पर पांच हजार से लेकर एक लाख तक का इनाम घोषित है। कोई 20 साल से फरार है तो कोई 39 साल से, लेकिन न तो सर्विलांस इन्हें खोज पाया और न पुलिसिया तंत्र। कई बदमाश खूंखार और पेशेवर अपराधी हैं, जो कानून व्यवस्था के लिए चुनौती और वादी पक्ष के लिए दहशत का पर्याय बने हुए हैं।
जोनवार फरार अपराधियों का आंकड़ा
सबसे ज्यादा सेंट्रल जोन के 19 अपराधी फरार, दक्षिण जोन से 15, पूर्वी जोन से 11 और पश्चिमी जोन से नौ अपराधी फरार।
39 वर्षों से शौकत, 24 वर्षों से फरार नरसिंह पुलिस को दे रहा चकमा
नामी अपराधियों में कर्नलगंज थाना क्षेत्र का शौकत मियां बड़ा नाम है। वर्ष 1984 में हत्या में वांछित शौकत को कर्नलगंज पुलिस 39 वर्षों से नहीं ढूंढ़ पा रही है। वहीं, मैनपुरी के कुसमरा थाना के घडौरा गांव निवासी नरसिंह पनकी थाना क्षेत्र में जुलाई 1999 में डकैती और हत्या के मामले में 24 वर्षों से फरार है। रेलबाजार थाने से वर्ष 2002 में दिनदहाड़े लूट करने वाला अपराधी बाबू खां 21 वर्षों से फरारी काट रहा है। कोतवाली का इनामी अपराधी संतोष गौड़ भी वर्ष 2003 से फरार है।
25 हजार से एक लाख तक के इनामियां बदमाश
थाना चकेरी से फरार राशिद कालिया निवासी हाल पता चिश्तीनगर पर सबसे अधिक इनाम घोषित था। पहले 25 हजार फिर 50 हजार इनाम रखा गया था। मई 2022 में इनाम बढ़ाकर एक लाख कर दिया गया था। हालांकि राशिद को एसटीएफ ने शुक्रवार देर रात झांसी में मार गिराया है। इसके अलावा किसान बाबू सिंह की आत्महत्या के मामले में फरार डॉ. प्रियरंजन आशु दिवाकर, बबलू यादव, जितेंद्र समेत चार पर भी एक-एक लाख का इनाम घोषित है।